आकाश के ससुर बोले सॉरी मायावती जी! — माफी से मिली ‘बसपा’ में एंट्री

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

उत्तर प्रदेश की सियासत में शनिवार की शाम कुछ ज्यादा ही ड्रामा क्वीन मूड में थी। बहुजन समाज पार्टी (BSP) में एक फिल्मी टर्न आया, जब पूर्व सांसद और मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर एक “संवेदनात्मक पोस्ट” डालकर सबका दिल पिघला दिया।

माफ़ीनामा: सोशल मीडिया वाला पश्चाताप

अशोक सिद्धार्थ ने अपने पोस्ट की शुरुआत की मायावती को “चरण स्पर्श” करके। फिर जैसे कोई टॉप टेलीविज़न सीरियल की स्क्रिप्ट हो, उन्होंने लिखा कि—

“मुझसे जो भी गलती हुई, जाने-अनजाने, गलत संगत में बहक कर हुई। अब दिल से पछता रहा हूँ।”

उन्होंने ये भी वादा किया कि अब वो न तो रिश्तेदारी का फायदा उठाएंगे, न ही पार्टी अनुशासन से बाहर जाएंगे — यानी “No More Jugaad Politics!”

मायावती का दिल बड़ा — निष्कासन रद्द!

बीएसपी प्रमुख मायावती, जिनके राजनैतिक चेहरे पर सख्ती के भाव अमूमन स्थायी होते हैं, इस बार ‘माफी मोड’ में दिखीं। उन्होंने कहा:

“गलती मान ली है, पछतावा है — एक मौका दिया जा सकता है।”

और फिर क्या था, मायावती ने तत्काल प्रभाव से उनका निष्कासन रद्द कर दिया। वापसी की एंट्री मिल गई — और वो भी डायरेक्ट पार्टी ऑफिस से, बिना लाइन में लगे!

बसपा में वापसी: सिर्फ माफ़ी चाहिए… टिकट नहीं!

मजे की बात ये रही कि अशोक सिद्धार्थ ने पोस्ट में खुद कहा कि वो रिश्तेदारी का कोई गलत फायदा नहीं उठाएंगे। यानी, अब अगर वो टिकट मांगते भी हैं, तो ये कहकर नहीं आएंगे कि “आकाश मेरे दामाद हैं!”

अब देखना ये है कि आने वाले चुनाव में वो ‘फिर से संसद के टिकट काउंटर’ पर दिखाई देते हैं या सच में मूवमेंट के सच्चे कार्यकर्ता बनकर उभरते हैं।

सोशल मीडिया का कमाल या सियासी चाल?

राजनीतिक गलियारों में सवाल ये भी उठ रहा है कि ये माफ़ीनामा दिल से आया या राजनीतिक गणित से? कुछ लोगों का कहना है कि आकाश आनंद की तेजी से बढ़ती सियासी प्रोफाइल को देखते हुए ये चाल चली गई — ताकि “रिश्तेदारी” को फिर से राजनीतिक ताकत में बदला जा सके।

बसपा में ‘क्षमा नीति’ का नया अध्याय

अगर आप भी राजनीति में गलती कर बैठें तो डरने की जरूरत नहीं, बस एक “इमोशनल सोशल मीडिया पोस्ट” डालिए, पार्टी प्रमुख को चरण स्पर्श कीजिए, और कहिए:

“अब कभी नहीं करूंगा ऐसा… वादा रहा!”

क्योंकि अब राजनीति में “Sorry बोलो और Entry लो” वाला ट्रेंड फिर से लौट आया है।

तेजस्वी यादव का तंज: पढ़ाई, कमाई, दवाई का नारा हमसे चुराया

Related posts

Leave a Comment